रात कुछ खत्म होता हुआ बताती है, दिन का खत्म होना या कुछ करने का समय खत्म होना । जबकि सुबह शुरुवात का प्रतीक है ,इसलिए सुबह खुशी देती है । और सुबह की सैर में किसी का साथ कभी कभी नही भाता , क्योंकि किसी और कि सुनने में , खुदकी आवाज़ कहा सुनाई पड़ती है । रास्ते भी ज्यादा समझ आते है जब सिर्फ खुद का साथ हो । ऐसी ही एक सैर पर, इंदौर में एक सुबह उठने से "दो घंटे" बाद तक " मैंने मुझसे क्या कहा ".... सुनिये उन दो घंटो की कहानी -
सुनो सुबह हो गई , आंखे तो खोलो , तुम जब आंखें खोलते हो , रात देख कर फिर सो जाते हो ; सुनो ,अभी चिड़िया चेहकेगी , शशशश... ठंडी शांत हवा चल रही है । सांस थोड़ी ज्यादा ले लो , दिनभर चल जाएगी ; सूरज तो अभी ,चढ़ता हुआ देखने का आनंद है , तुम नजरें तब उठाते हो , जब वह चुभता है ; सारी आवाज़े स्पष्ट सुनाई दे रही है , सुन लो दिल क्या कहता है , दिनभर की भागम भाग में ,तुम मेरी सुनते कहां हो ; हर एक सेकंड की आवाज सुनाती है घड़ी , सुबह जीवन मिला तो , समय काटना मत उसे जी लेना ; मैं ( दिल) तो यही रहता हूं , मेरे साथ एक चुस्की चाय भी पी लेना; डरो नहीं तुम्हारी सुबह वाली सैर सन्नाटे में नहीं, मैं रहूंगा तुम्हारे साथ तुम इतना सबसे कहते हो, इतनी सबकी सुनते हो , थोड़ी कहा-सुनी मेरे साथ भी कर लेना ; नींद से उठ कर चेहरे की चमक असली होती है ,तुम कितने सुंदर हो देख तो लो , दिन चढ़ने के बाद का मुखौटा ,तुम कितना ही सजा लो,कोई सुंदर कहां बोलता है ? सब को लुभाने कुछ पाने तुम मेरी तरफ नजर ही नहींं करते; रुको थोड़ा उस तरफ भी पालटो , धीमे कढ़हाती चाय,पोहेेे का ढेर औऱ जलेेबी ,और तलने को तैयार थाल में सजे समोसे ,देख तो लो; अखबार पढ़ने का मजा तो अभी ही है , सपाट पन्ने ,बिना सिलवटो वाले ,अंग्रेजी का अखबार ,जो सिर्फ तुम्हारे लिए ही आया है ,और कोई हाथ नहीं लगाएगा इसे; किसी और की नींद का खयाल रखते हुए धीमे धीमे तैयार होना और आहिस्ता दरवाजे बंद करके दबे पैर बाहर निकल जाना , आधा नाश्ता खाकर और आधा हाथ में लेकर, रास्ते पर खाते हुए ,ऐसे इतरा रहे हो ,जैसे इस दिन की खुशी जता रहे हो; सुनो तुम खुश 'इस जगह से ,सुबह की सैर से, उस अखबार और नाश्ते से नहीं हो' , तुम्हारी खुशी की वजह तो ,वह "जगह" है जहां तुम जा रहे हो. वहां जाने की खुशी में तुम बाकी सब कुुुछ खुशी खुशी करते जा रहे हो।
जहाँ पहुचना है , उसका उत्साह हो , तोह पहुचने तक का रास्ता भी खुशी खुशी कट जाता है । थोड़ी बहुत दिक्कते भी हो ,तो वो भी तकलीफ नही देती । इसलिए जो चाहिये उसके लिए उत्साह बनाये रखना बहुत जरूरी हैं।
प्रज्ञा जैन☺
Do comment your experience of reading the blog.
Too good👌👌
ReplyDeleteReally very nice 👌🏻👌🏻
ReplyDelete
ReplyDeleteI am touched. Felt the way to take me. The roads, the people , the air and the journey . a seamless experience. awesome
Nice
ReplyDeleteDil choo gayi ��
ReplyDeleteVery nice Pragya��
ReplyDelete